
किसी ने मुझसे पुछा की आपकी नजर में lockdown कैसा है. तो भाई सही है यार corona बीमारी रुक जाएगी. लेकिन lockdown में सबसे ज्यादा असी – तसी होरी है तो उस गरीब की. उस मजदूर की होरी है जिसका काम है रोक कुवै को खोदना और पानी पीना. उसका क्या करे उनके पास तो अपना मोबाइल भी नहीं जो कुछ time पास ही कर ले. तो यारो उनको रोकने के लिए lockdown कर दिया गया. अगर lockdown नहीं करते तो सबसे पहले अमीर जाते बाद मे गरीबों का No आता. तो lockdown में भी पक्ष पात हो रहा है. लेकिन कर क्या सकते है. कुछ भी नहीं ना. इसी मुद्दे पर एक मुद्दा मेरा भी है. अगर ये बीमारी 21 घर पे रहने से चली जाएगी तो. मगर आज से 21 साल बाद कोई दरिन्दा रेप करेगा तो क्या उसे 21 दिन के अंदर सजा मिल पाएगी. जिसने lockdown लगाया वो भी सुरक्षित. और जिन अमीरों की वझा से ये बीमारी आई वो भी सुरक्षित. एयरपोर्ट पर सही चेकिंग ना होने की वझा से ये बीमारी याहं पे आई या प्लानिंग थी. मुझे नी पता ये सब केसे हो गया.

🔥 बस मुझे इतना पता है पासपोर्ट वालो की सजा राशन कार्ड वालो को मिल रही है 😒. आज के time मे पावर के सात चलने वाले सब है लेकिन सच बोलने वाले के सात कोई नहीं. बहुत आसान होता है बोलना घर के अंदर रहो. इतना पेसा जब बैंक अकाउंट में हो जो सात पुष्टि भी बेट कर खाए. फिर सब हो जाता है. लेकिन उन लोगों के पास उन गरीबो के पास 7 दिन का खाना नहीं सात दिन तो क्या साल साम तक का ही नहीं है. 🔥 आसमान में चमकता सूरज किसी की बाप की जागीर नहीं है. वो पक्ष पात नहीं कर्ता उसे आप रिश्वत नहीं दे सकते. नहीं तो उसे भी lockdown कर दिया जाता. और lockdown में उसकी रोशनी भी सिर्फ अमीरों के हिस्से में आती. मुझे खुसी है कि चांद को कोई खरीद नहीं सकता नहीं तो उसकी रोशनी भी सिर्फ अमीरों के हिस्सों मे आतीं.
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